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ANDROID स्मार्टफोन यूजर्स के लिए क्यों बढ़ रहा है खतरा, जाने

स्मार्टफोन के फीचर जैसे-जैसे स्मार्ट होते जा रहे हैं, वैसे वैसे हैकर्स और साइबर क्रिमिनल्स भी स्मार्ट होते जा रहे हैं। दुनियाभर के स्मार्टफोन्स के लिए इन दिनों प्राइवेसी और सिक्युरिटी एक चिंता का विषय बन गई है। स्पैम, वॉर्म्स, वाइरस और हैकर्स का खतरा केवल आपके डेस्कटॉप और लैपटॉप के लिए नहीं है। स्मार्टफोन की बढ़ती लोकप्रियता इस खतरे को दावत दे रही है। यह खतरा तब और भी बढ़ जाता है, जब इसमें अमेरिका और ब्रिटेन जैसे बड़े-बड़े देश शामिल होते हैं। हाल ही में आई एक रिपोर्ट में ऐसा ही दावा किया गया है। दरअसल, इस रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका और ब्रिटेन की जासूसी एजेंसियां लगातार एंग्री बर्ड और अन्य मोबाइल एप्लीकेशन्स के माध्यम से लोगों की व्यक्तिगत जानकारियां प्राप्त करने की कोशिश कर रही हैं। राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी (एनएसए) के एक दस्तावेज से पता चला है कि मोबाइल एप्लीकेशन से यूजर्स की लोकेशन, उनके द्वारा यूज की गई वेबसाइटें और उनके संपर्क से जुड़े आंकड़ों सहित अन्य जनाकारियां पाने की कोशिश की जा रही है। यह खुलासा पूर्व एनएसए कॉन्ट्रैक्टर एडवर्ड स्नोडेन द्वारा जारी किए गए दस्तावेजों से हुआ है। इससे पहले भी पिछले कई सालों में इंटरनेट सिक्युरिटी एक्सपर्ट्स स्मार्टफोन की सिक्युरिटी को लेकर चिंता जाहिर कर चुके हैं। आज सेल ट्रैकर, मोबाइल स्पाई, सीकेट्र एजेंट आदि ऐसे सॉफ्टवेयर हैं, जो कि आपके स्मार्टफोन पर किसी तरह डाउनलोड होकर आपके फोन से डाटा, फोनबुक, फोटो आदि चोरी कर सकते हैं। इसी तरह स्पूफ एप्लीकेशन्स हैं, जिनकी मदद से आपकी कॉलर आईडी स्पूफ पर किसी तरह का क्राइम किया जा सकता है। आगे की स्लाइड्स पर जानिए, क्या है खतरा, किसे है खतरा और कैसे बढ़ रहा है ये खतरा- * क्या है खतरा? अमेरिका और ब्रिटेन जैसे देशों द्वारा डाटा ट्रैकिंग की घटनाओं के अलावा भी स्मार्टफोन की सिक्युरिटी पर बेहद खतरा है। वर्ष 2013 में नेटवर्किग कंपनी जूनिपर ने अपनी एक स्टडी में विस्तार से बताया कि मार्च 2012 से लेकर मार्च 2013 तक मोबाइल मालवेयर में 614 फीसदी का इजाफा हुआ है। इस रिपोर्ट में सभी मेजर ऑपरेटिंग सिस्टम्स के 18 लाख से ज्यादा मोबाइल एप्लीकेशन्स का विश्लेषण किया गया था। इसमें सबसे अधिक खतरा एंड्रॉइड ऑपरेटिंग सिस्टम के ऐप्स पर बताया गया है। कुल मोबाइल मालवेयर में 92 फीसदी मालवेयर एंड्रॉइड स्मार्टफोन को टारगेट कर रहे हैं। * क्यों बढ़ रहा है खतरा? स्मार्टफोन पर दुनियाभर में लगातार खतरा बढ़ने का एक कारण यह भी है कि हमें खुद अपने मोबाइल सिक्युरिटी की चिंता नहीं है। अमेरिका में कंज्यूमर रिपोर्ट्स मैगजीन ने वर्ष 2013 में अपने सर्वे में बताया कि अमेरिका में सर्वे में शामिल 39 फीसदी स्मार्टफोन यूजर्स ने कहा है कि वे स्मार्टफोन सिक्युरिटी के लिए कोई भी प्रोटेक्टिव मेजर्स नहीं लेते हैं। वहीं 64 फीसदी यूजर्स ने स्वीकारा कि वे स्क्रीन लॉक भी नहीं लगाते हैं। जबकि कंज्यूमर रिपोर्ट्स मैगजीन के अनुसार वर्ष 2012 में ही अमेरिका में 56 लाख स्मार्टफोन यूजर्स ने अपने फोन में हैकिंग के लक्षण को महसूस किया है। इसमें बिना पता चले मोबाइल से मैसेज सेंट हो जाना प्रमुख रहा है।
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